Tuesday 22 March 2016

Complaint to Rajasthan State Road Transport Authority

Whatsapp info given by Shri Brijbhushan 9829735950 of Akhil Bhartiya Grahak Panchayat Rajasthan state

भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक छोटी सी लड़ाई में मेरा साथ दे !

कल 20.3.2016 ko m इस बस में दिल्ली से जयपुर के लिए सफ़र कर रहा था | ड्राईवर ने बस हाईवे पर शाहजहाँपुर पे खुशबु होटल पर खाने के लिए रोकी | वहां मैंने देखा की एक बुज़ुर्ग ने जो की देखने में बहुत ही दरिद्र था उसने एक आलू का पराठा आर्डर किया जिसका मूल्य 20 रुपये था | कुछ ही देर में वेटर दो पराठे और थोडा रायता ले कर आया और टेबल पे रख दिया !बुज़ुर्ग ने कहा की मुझे एक ही चाहिए तो वेटर ने कहा 20 में दो मिलते है उसके बाद वेटर एक छोले की प्लेट लाया और टेबल पे रख दी ! बुज़ुर्ग ने कहा की नहीं चाहिए तो वेटर ने कहा की पराठे के साथ फ्री है पर बुज़ुर्ग ने वो छोले नहीं खाये ! खाना ख़त्म करने पर जब बुज़ुर्ग पैसे चुकाने गया तो गल्ले पर बैठे होटल मालिक ने उन से 140 रुपये मांगे ! हिसाब यूँ बताया गया की 40 रुपये दो पराठे के 20 रुपये रायता के और 80 रुपये छोले के ! बुज़ुर्ग के विरोध करने पर होटल मालिक ने उसे पिटाई करने की धमकी दी ! होटल मालिक के पास बस का कंडक्टर भी बैठा था जो ये सब देख कर हंस रहा था ! जिसकी फ़ोटो भी मैंने पोस्ट की है ! उस बुज़ुर्ग ने उस से शिकायत करी की आपने कैसे होटल पे बस रोकी है तो कंडक्टर ने कहा की यहाँ तो ऐसे ही होगा तूने खाया है तो चुकाना ही होगा अन्यथा हम तुझे यहाँ छोड़ जाएंगे ! बुज़ुर्ग ने गीली आँखों से 140 रुपये चुकाए और कहा की छोले पैक कर दो इस पर मेरे सामने वेटर छोले को वापिस रसोई में ले जाकर और पड़े छोले के बर्तन में मिला दिया और कहा की आपके छोले तो कूड़े में फेंक दिए अब ! और सारे कर्मचारी और होटल मालिक व कंडक्टर हंसने लगे ! ठीक इसी प्रकार और भी यात्रियों के साथ हुआ और सभी ने बस छूटने की जल्दी में गलत रकम चुकाई !
बस में चढ़ने पर मैंने कंडक्टर से बहस की तो उसने कहा हो बन सके कर लो तो मैंने बस में जो शिकायत एवं सुझाव के मोबाइल नंबर्स लिखे थे उन पे कॉल करने की सोची पर जैसा की आप पोस्ट की गई फ़ोटो में देख सकते है की एक भी नंबर पूरा देखने लायक नहीं है ! रोडवेज के कर्मचारियों द्वारा सभी नंबर्स में से कुछ मिटा दिए गए है ताकि कोई भी इनकी शिकायत ना कर सके !
दोस्तों यह तो एक उदाहरण मात्र है ऐसे किस्से हज़ारो की संख्या में पुरे राज्य और देश में रोडवेज कर्मचारी और होटल मालिकों की मिलीभगत से हो रहे है ! हम सब इसे एक मामूली सी घटना मानकर अनदेखा कर देते है पर दोस्तों 140 रुपये किसी गरीब रिक्शा चालक की सारे दिन की मेहनत होती है जिस पर उसका पूरा परिवार आश्रित होता है ! हो सकता है की आपलोगो के लिए इस घटना का कोई महत्व ना हो पर मुझे तो भीतर तक झकझोर गई है !
मैं आशीष कुमार शर्मा निवासी रतनगढ़ राजस्थान आप सभी आदरणीय नागरिकों से विनम्र अपील करता हूँ की इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे और किसी एक भी निकृष्ट रोडवेज कर्मचारी और होटल मालिक का हृदय परिवर्तन करने में अपना छोटा सा योगदान अवश्य दे !
पोस्ट में कुछ बड़े लोगो को टैग कर रहा हूँ ताकि किसी बड़े सरकारी अधिकारी या नेता या मंत्री तक ये पोस्ट पहुंच सके और कोई तो कुछ सकारात्मक प्रयास करे !

Consumer is King

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